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अमावस्या क्या है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या हर महीने आने वाली वह तिथि होती है जब चंद्रमा आकाश में पूर्णतः अदृश्य होता है। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से पितरों की शांति, तर्पण, स्नान, दान आदि कार्यों के लिए अमावस्या को श्रेष्ठ दिन माना गया है।


🌑 जून अमावस्या 2025 कब है?

तारीख: सोमवार, 23 जून 2025
अमावस्या तिथि आरंभ: 23 जून 2025 को सुबह 04:01 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 24 जून 2025 को सुबह 05:07 बजे तक

इस बार की अमावस्या सोमवती अमावस्या है, क्योंकि यह सोमवार को पड़ रही है। सोमवती अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व होता है।


🌟 जून अमावस्या का धार्मिक महत्व

  1. पितृ तर्पण और श्राद्ध: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध करना शुभ माना जाता है।

  2. स्नान और दान: पवित्र नदियों में स्नान करके जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, काले तिल और दक्षिणा का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

  3. काले जादू और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: माना जाता है कि अमावस्या पर विशेष पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।


🕉️ अमावस्या पर क्या करें?

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।

  • पूर्वजों के लिए तर्पण करें।

  • शिव जी, पीपल वृक्ष और सूर्य देव की पूजा करें।

  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र का दान करें।

  • अमावस्या की रात्रि को दीपक जलाएं, खासकर पीपल के नीचे।

  • अपने घर में साफ-सफाई करके नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें।


🙏 जून अमावस्या पर व्रत का महत्व

जो लोग व्रत रखते हैं, वे दिनभर उपवास करके पूजा-पाठ करते हैं और शाम को फलाहार लेते हैं। विशेष रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति और लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।


✨ निष्कर्ष:

23 जून 2025 को पड़ने वाली जून अमावस्या, एक शुभ दिन है पितरों को श्रद्धांजलि देने और आत्मिक शुद्धि प्राप्त करने के लिए। इस दिन किए गए कर्म, दान और पूजा कई गुना फल देते हैं। अतः श्रद्धा और नियम के साथ इस दिन का लाभ अवश्य उठाएं।

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