प्रस्तावना

प्रस्तावना क्या है प्रस्तावना का महत्व

जब हम किसी लिखित कार्य की शुरुआत करते हैं, तो प्रस्तावना उसे एक दिशा और स्पष्टता देने का पहला कदम होती है। यह पाठक के लिए लेख के मुख्य विषय का प्रारंभिक परिचय प्रस्तुत करती है और उसे इस कार्य के उद्देश्य से परिचित कराती है। किसी भी निबंध, रिपोर्ट, शोधपत्र या पुस्तक के प्रारंभ में प्रस्तावना एक प्रकार से लेख का चेहरा होती है। यह न केवल लेख के विषय का संक्षिप्त विवरण देती है, बल्कि यह भी बताती है कि लेखक इस विषय पर क्यों लिख रहा है और लेख का मुख्य उद्देश्य क्या है।

प्रस्तावना का कार्य लेख को पठनीय और आकर्षक बनाना भी होता है, ताकि पाठक की रुचि बनी रहे और वह आगे पढ़ने के लिए प्रेरित हो। एक अच्छी प्रस्तावना लेख की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल लेख को स्पष्ट और व्यवस्थित बनाती है, बल्कि पाठक के लिए उस लेख को समझना और उससे जुड़ना भी आसान बनाती है। इस पोस्ट में हम प्रस्तावना के महत्व और इसे लिखने के तरीके पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे।

प्रस्तावना क्या है

प्रस्तावना किसी भी लिखित कार्य, जैसे निबंध, रिपोर्ट, पुस्तक या शोधपत्र का एक महत्वपूर्ण भाग होती है। यह पाठक को उस विषय के बारे में सामान्य जानकारी देती है और विषय के प्रति उसकी रुचि जगाती है। प्रस्तावना का उद्देश्य किसी भी विषय की शुरुआत में उसे समझने और गहरे रूप से जानने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना होता है।

परिभाषा और महत्व

प्रस्तावना एक संक्षिप्त परिचय होती है, जो किसी भी लेख, निबंध या रिपोर्ट के बारे में मूल जानकारी देती है। यह पाठक को उस विषय की संक्षिप्त जानकारी देती है, ताकि वह विषय के बारे में एक सामान्य दृष्टिकोण बना सके। प्रस्तावना में लेखक अपने उद्देश्य को स्पष्ट करता है, और यह पाठक को लेख या रिपोर्ट के मुख्य भाग से जोड़ने का काम करती है।

प्रस्तावना का महत्व इस बात में निहित है कि यह लेख की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करती है। यह पाठक को बताती है कि वह लेख में किस विषय पर चर्चा करने वाला है और लेख का उद्देश्य क्या है। अच्छी प्रस्तावना लेख को पठनीय और आकर्षक बनाती है, क्योंकि यह पाठक का ध्यान आकर्षित करने में मदद करती है।

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प्रस्तावना कैसे लिखें

प्रस्तावना लिखते समय कुछ मुख्य बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है:

  1. संक्षिप्तता: प्रस्तावना का उद्देश्य लेख के बारे में संक्षिप्त जानकारी देना है, इसलिए इसे संक्षिप्त और सटीक रखना चाहिए।
  2. विषय का परिचय: प्रस्तावना में सबसे पहले विषय का संक्षिप्त परिचय देना चाहिए, ताकि पाठक को यह समझ में आ सके कि लेख किस विषय पर आधारित है।
  3. लेख का उद्देश्य: इसमें यह भी बताया जाना चाहिए कि लेखक का उद्देश्य क्या है, यानी वह इस लेख के माध्यम से पाठक को क्या जानकारी देना चाहता है।
  4. रुचि उत्पन्न करना: प्रस्तावना को इस प्रकार से लिखना चाहिए कि पाठक की रुचि बनी रहे और वह पूरी रिपोर्ट या लेख पढ़ने के लिए प्रेरित हो।
  5. स्पष्टता और सरलता: भाषा को सरल और स्पष्ट रखें, ताकि पाठक आसानी से समझ सकें कि लेख किस दिशा में जाएगा।

उदाहरण के रूप में, अगर आप किसी सामाजिक मुद्दे पर निबंध लिख रहे हैं, तो प्रस्तावना में उस मुद्दे का संक्षिप्त परिचय, उसकी वर्तमान स्थिति और समाज पर उसके प्रभाव के बारे में बात कर सकते हैं। अच्छी प्रस्तावना लेख की सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू होती है, क्योंकि यह पाठक को लेख के विषय और उद्देश्य से परिचित कराती है।

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