Shravana mahina kab aata hai

श्रावण कब से शुरू होगा? सावन सोमवार कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण महीना वर्ष का पाँचवाँ महीना होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा, व्रत और तपस्या के लिए प्रसिद्ध है। श्रावण मास के दौरान वर्षा ऋतु का मौसम होता है, जो वातावरण में ठंडक और शांति का अहसास कराता है। इस माह में कई प्रमुख धार्मिक अवसर होते हैं, जो लोगों के जीवन में आस्था, श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाते हैं।

2025 सावन का महीना कब है

श्रावण महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पाँचवाँ महीना होता है, जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच आता है। यह महीना श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है। श्रावण का महीना विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना और पूजा के लिए माना जाता है, खासकर श्रावण सोमवार के अवसर पर। इस दौरान जलवायु में ठंडक होती है और वर्षा का मौसम चल रहा होता है, जो इस महीने को विशेष रूप से उपवास, व्रत और साधना के लिए उपयुक्त बनाता है। इस माह के दौरान विशेष रूप से श्रावण मास की शिव पूजा का आयोजन किया जाता है।

श्रावण महीना कब शुरू हो रहा है 2025

2025 में श्रावण महीना 11 जुलाई 2025 को शुरू हो रहा है। इसे विशेष रूप से पूजा और व्रत के लिए शुभ माना जाता है। श्रावण माह की शुरुआत के साथ ही लोग शिव उपासना, व्रत, और साधना में संलग्न होते हैं। इस महीने के हर सोमवार को विशेष रूप से श्रावण सोमवार मनाया जाता है, जो भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होता है। इस दिन लोग उपवासी रहते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। 2025 में श्रावण माह 11 जुलाई से शुरू और 9 अगस्त 2025 को खत्म होगा और इस दौरान प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे।

श्रावण महीने में कौनसे त्योहार हैं 2025

श्रावण माह में कई महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं, जो विशेष रूप से भक्ति और आस्था से जुड़े होते हैं। 2025 में श्रावण माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख हिन्दू त्योहार:
त्योहार का नाम तारीख
प्रथम सावन सोमवार व्रत 14 जुलाई 2025
हरियाली तीज 27 जुलाई 2025
नाग पंचमी 29 जुलाई 2025
रक्षा बंधन 9 अगस्त 2025
जन्माष्टमी 15 अगस्त 2025

2025 में सावन सोमवार कब हैं?

सावन सोमवार का हिन्दू धर्म में और भगवान् शिव के भक्तों में विशेष महत्व होता है उन्हें सावन सोमवार का इंतजार पूरे वर्ष रहता है।
  • 14 जुलाई 2025 – पहला सावन सोमवार
  • 21 जुलाई 2025 – दूसरा सावन सोमवार
  • 28 जुलाई 2025 – तीसरा सावन सोमवार
  • 04 अगस्त 2025 – चौथा सावन सोमवार

श्रावण मास में अमावस कब है 2025

श्रावण मास में अमावस्या 2025 में 24 जुलाई, गुरुवार को है। इस दिन को श्रावण अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है, और इसे पितरों की तर्पण करने का दिन माना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इस तिथि पर करना गया अनुष्ठान और दान फलदायी माना जाता है। श्रावण माह की अमावस्या पर भगवान शिव की विशेष पूजा भी की जाती है, जिससे भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि मिलती है।

श्रावण मास में पूर्णिमा कब है 2025

श्रावण मास में पूर्णिमा 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को है। इस दिन लोग श्रावणी पूर्णिमा या रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं। इसे हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन भाई अपनी बहनों को रक्षा सूत्र बांधते हैं। पूर्णिमा का स्नान और व्रत रखा जाता है, जो विशेष पुण्य प्रदान करता है। इस दिन कई स्थानों पर तर्पण करने की परंपरा भी होती है। सिद्धांत के अनुसार, सावन पूर्णिमा पर भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

श्रावण मास का महत्व

श्रावण मास हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। यह महीना बारिश के मौसम में आता है और इसे विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित किया गया है। इस महीने में भक्तजन निराहार व्रत करते हैं, सोमवार का व्रत रखते हैं और हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। श्रावण मास में विभिन्न त्योहार जैसे रक्षा बंधन, नाग पंचमी और अमावस्या मनाए जाते हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसके अलावा, श्रावण में तर्पण और श्राद्ध कर पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी किया जाता है। यह महीना आध्यात्मिक उन्नति और पवित्रता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
श्रावण माह का समय धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह महीना भगवान शिव की उपासना, व्रत, साधना और भक्ति के लिए उपयुक्त होता है। 2025 में श्रावण महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, और इस दौरान होने वाले प्रमुख त्योहार और तिथियाँ हमें धार्मिक रूप से उन्नति और शांति की ओर मार्गदर्शन करती हैं। इस माह में विशेष रूप से शिव पूजा, उपवासी व्रत और तर्पण करने की परंपरा है, जो हमारे जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध करता है।

Similar Posts