मार्गशीर्ष महीना हिन्दू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण महीना है, जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है। यह महीना मुख्यत: नवंबर और दिसंबर के बीच आता है और इसे “मार्गशीर्ष” या “अगहन” के नाम से जाना जाता है। इस महीने के दौरान, श्रद्धालु विशेष पूजा और अनुष्ठान करते हैं, जो प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं से जुड़े होते हैं। इस लेख में, हम आपके साथ मार्गशीर्ष माह की महत्ता, विभिन्न त्योहारों, पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि, और 2025 में इसकी विशेषताएँ साझा करेंगे।
मार्गशीर्ष महीना कब आता है
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीना प्रत्येक वर्ष कार्तिक के बाद आता है। यह महीना दिसंबर तक चलता है। मार्गशीर्ष मास का दूसरा नाम अगहन मास है। इस महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस महीने की धार्मिक महत्ता के कारण इसे कई शुभ और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
मार्गशीर्ष महीना कब है 2025
2025 में
मार्गशीर्ष महीना 06 नवंबर 2025 को शुरू हो रहा है। यह दिन
मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा होता है, जो पूजा और व्रत के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन से लेकर पूरे महीने तक विशेष रूप से
भगवान श्री कृष्ण की पूजा,
गायत्री पूजा, और
माँ लक्ष्मी की उपासना की जाती है। इस माह में विशेष रूप से व्रत, तप, और धार्मिक अनुष्ठान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 2025 में मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 06 नवंबर से होगी और यह
दिसम्बर 04 तक चलेगा।
मार्गशीर्ष मास के त्यौहार 2025
मार्गशीर्ष महीने में विशेष रूप से कुछ प्रमुख धार्मिक पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, जो इस माह के महत्व को और बढ़ाते हैं। 2025 में मार्गशीर्ष माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शामिल हैं:
तारीख |
त्योहार |
07 नवंबर 2025 |
रोहिणी व्रत |
08 नवंबर 2025 |
सौभाग्य सुंदरी तीज, संकष्टी गणेश चतुर्थी |
12 नवंबर 2025 |
कालाष्टमी, बुधाष्टमी व्रत, कालभैरव जयंती |
15 नवंबर 2025 |
उत्पन्न एकादशी |
16 नवंबर 2025 |
वृश्चिक संक्रांति |
17 नवंबर 2025 |
सोम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत |
18 नवंबर 2025 |
मास शिवरात्रि |
20 नवंबर 2025 |
गौरी तपो व्रत, अमावस्या |
21 नवंबर 2025 |
चंद्र दर्शन, हेमंत ऋतू |
24 नवंबर 2025 |
वरद चतुर्थी, सोमवार व्रत |
25 नवंबर 2025 |
विवाह पंचमी |
26 नवंबर 2025 |
षष्टी |
28 नवंबर 2025 |
दुर्गाष्टमी व्रत |
30 नवंबर 2025 |
झंडा दिवस |
01 दिसंबर 2025 |
गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, विश्व एड्स दिवस |
02 दिसंबर 2025 |
अनांग त्रयोदशी व्रत, भौम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत |
04 दिसंबर 2025 |
पूर्णिमा, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, सत्य व्रत, भारतीय नौसेना दिवस, अन्नपूर्णा जयंती, सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत |
मार्गशीर्ष मास में पूर्णिमा कब है 2025
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा 2025 में 4 दिसंबर को होगी। यह दिन हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर श्रद्धालु विशेष रूप से स्नान, दान और पूजा-पाठ करते हैं। इस तिथि को धार्मिक स्थल, जैसे हरिद्वार, बनारस और मथुरा में बड़ी संख्या में भक्तजन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन का विशेष ध्यान साधना और ध्यान पर भी दिया जाता है।
मार्गशीर्ष मास में अमावस कब है 2025
मार्गशीर्ष मास की अमावस्या 2025 में 20 नवंबर को होगी। यह तिथि हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण करने का विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इसे पितृ अमावस्या भी कहा जाता है, जो पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है। इस दिन गंगा स्नान और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या के दिन किए गए दान और पूजा से आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
मार्गशीर्ष मास का महत्व
मार्गशीर्ष मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे संक्रांति के बाद होने वाला पहला महीना माना जाता है और यह धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अति शुभ होता है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है, तथा भक्तजन विशेष रूप से इस दौरान उपवास करते हैं। मार्गशीर्ष मास में पूर्णिमा, अमावस्या आदि विशेष पर्व होते हैं, जिनमें श्रद्धालु ध्यान और साधना करते हैं। इसे संतों की कृपा प्राप्त करने और मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु उपयुक्त समय माना जाता है। यह मास आत्मिक शुद्धि और संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है।