पौष महीना हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का दसवां महीना होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना आमतौर पर दिसंबर और जनवरी के बीच आता है और खासतौर पर व्रत, पूजा, स्नान और दान के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस लेख में हम पौष महीने की पूरी जानकारी देंगे, जैसे कि यह महीना कब आता है, इसके प्रमुख त्योहार कौन से होते हैं, और इस माह का धार्मिक महत्व क्या है।
पौष महीना कब आता है
पौष महीना हिंदू पंचांग के अनुसार
दिसंबर और
जनवरी के बीच आता है। यह महीना
पौष शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है और
पूर्णिमा तक चलता है। पौष माह का समय विशेष रूप से
व्रत,
धार्मिक अनुष्ठान,
स्नान और
दान के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस माह में विशेष रूप से
पौष पूर्णिमा, और
सुर्य उपासना जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
पौष महीना कब शुरू हो रहा है 2025
2025 में पौष माह 5 दिसंबर से शुरू होगा और 3 जनवरी 2026 को समाप्त होगा। पौष माह का समय विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, व्रतों, स्नान, दान, और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस महीने में विशेष रूप से स्नान, दान, व्रत, और सूर्य पूजा की परंपराएं होती हैं, जो पुण्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
पौष महीने में कौनसे त्योहार हैं 2025
पौष महीने में कुछ प्रमुख धार्मिक त्योहार होते हैं, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखते हैं। 2025 में पौष माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शामिल हैं:
- पौष पूर्णिमा – पौष माह की पूर्णिमा 03 जनवरी 2026 को होगी। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और दान का महत्व होता है। पौष पूर्णिमा के दिन उपवासी रहते हुए पूजा और तप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पौष स्नान – इस माह में विशेष रूप से पौष स्नान की परंपरा है, जिसमें लोग प्रात: काल नदी में स्नान करने जाते हैं। यह स्नान पुण्य और शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
तारीख |
त्योहार |
5 दिसंबर 2025 |
रोहिणी व्रत |
7 दिसंबर 2025 |
संकष्टी गणेश चतुर्थी |
11 दिसंबर 2025 |
कालाष्टमी |
15 दिसंबर 2025 |
सफला एकादशी |
19 दिसंबर 2025 |
अमावस्या (पितरों के प्रति श्रद्धा, व्रत और तर्पण का आयोजन) |
21 दिसंबर 2025 |
चंद्र दर्शन |
22 दिसंबर 2025 |
सोमवार व्रत |
24 दिसंबर 2025 |
वरद चतुर्थी और राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस |
25 दिसंबर 2025 |
मदन मोहन मालवीय जयंती और क्रिसमस |
26 दिसंबर 2025 |
षष्टी व्रत |
27 दिसंबर 2025 |
गुरु गोबिंदसिंह जयंती |
28 दिसंबर 2025 |
दुर्गाष्टमी व्रत |
30 दिसंबर 2025 |
वैकुंठ एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी |
3 जनवरी 2026 |
पौष पूर्णिमा, सत्य व्रत, माघ स्नान प्रारंभ |
पौष मास में अमावस कब है 2025
पौष माह की
अमावस्या 19 दिसंबर 2025 को होगी। इस दिन विशेष रूप से
पितृ पूजा और
तर्पण का आयोजन किया जाता है। यह दिन पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का होता है, और इस दिन विशेष रूप से उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है।
पौष मास में पूर्णिमा कब है 2025
पौष माह की
पूर्णिमा 3 जनवरी 2026 को होगी। इस दिन विशेष रूप से
गंगा स्नान और
दान करने का महत्व होता है। पौष पूर्णिमा को विशेष रूप से
तर्पण और
पूजा की जाती है। इस दिन उपवासी रहते हुए
भगवान विष्णु और
माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
पौष मास का महत्व
पौष मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस माह में विशेष रूप से पौष पूर्णिमा और मास शिवरात्रि जैसे पर्व आते हैं, जिनका धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व होता है। पौष माह में विशेष रूप से स्नान, दान और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, और यह जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक साबित होता है। पौष माह का समय विशेष रूप से भक्ति, साधना और तप का होता है। इस महीने में किए गए धार्मिक कार्यों से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।