फागुन का महीना कब है? फाल्गुन मास का महत्व
फाल्गुन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का बारहवां और अंतिम महीना होता है, जो विशेष रूप से उत्सवों और रंगों के लिए प्रसिद्ध है। यह महीना आमतौर पर फरवरी और मार्च के बीच आता है। फाल्गुन माह का समय खासतौर पर होली जैसे प्रमुख त्योहारों के लिए जाना जाता है, जो देशभर में धूमधाम से मनाए जाते हैं। इस माह में वसंत ऋतु का आगमन भी होता है, जिससे वातावरण में सुगंध और खुशहाली फैल जाती है।
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फाल्गुन महीना कब आता है
फाल्गुन महीना भारतीय पंचांग के अनुसार माघ मास के बाद और चैत मास के पहले आता है। यह महीना विशेष रूप से रंगों के त्योहार होली के लिए जाना जाता है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। फाल्गुन महीने के दौरान विभिन्न धार्मिक उत्सव और व्रत भी होते हैं, जैसे माघ पूर्णिमा। यह महीना खेती और फसल के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, जब नए अन्न की बुवाई की जाती है।
2025 फाल्गुन महीना कब शुरू हो रहा है
2025 में फाल्गुन महीना 13 फरवरी 2025 को शुरू हो रहा है। यह दिन फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा होता है और इस दिन से पूजा और धार्मिक कार्यों की शुरुआत होती है। पूरे महीने तक होली, वसंत पंचमी, और शिवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। 2025 में फाल्गुन महीना 13 फरवरी से शुरू होगा और मार्च 14 तक चलेगा।
फाल्गुन महीने में कौनसे त्योहार हैं 2025
फाल्गुन महीने में कुछ प्रमुख त्योहार होते हैं, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखते हैं। 2025 में फाल्गुन माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शामिल हैं:
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को होगी। यह दिन भगवान शिव की आराधना का विशेष पर्व है। भक्त पूरे दिन उपवासी रहकर रातभर पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि आत्मा को शुद्ध किया जा सके और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सके।
- होली जिसे रंगों का त्योहार कहा जाता है, 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। यह त्योहार सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं, जिससे भाईचारे और प्रेम का संदेश फैलता है।
दिनांक | त्योहार |
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14 फरवरी | वैलेंटाइन्स डे |
16 फरवरी | संकष्टी गणेश चतुर्थी |
19 फरवरी | शिवाजी जयंती |
20 फरवरी | कालाष्टमी |
22 फरवरी | श्री रामदास नवमी |
25 फरवरी | भौम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत |
26 फरवरी | महाशिवरात्रि |
27 फरवरी | अमावस्या |
28 फरवरी | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस |
1 मार्च | रामकृष्ण जयंती, फुलेरा दूज, चंद्र दर्शन, रमजान उपवास शुरु |
3 मार्च | वरद चतुर्थी, सोमवार व्रत |
5 मार्च | षष्टी |
6 मार्च | रोहिणी व्रत |
7 मार्च | होलाष्टक, दुर्गाष्टमी व्रत |
8 मार्च | अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस |
10 मार्च | गोविंद द्वादशी, आमलकी एकादशी |
11 मार्च | भौम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत |
13 मार्च | होलाष्टक समाप्त, सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत, होलिका दहन |
14 मार्च | होली, सत्य व्रत, चैतन्य महाप्रभु जयंती, पूर्णिमा, मीन संक्रांति |
फाल्गुन मास में अमावस कब है 2025
फाल्गुन मास में अमावस्या 2025 में 27 फरवरी को होगी। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण किया करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या के दिन किया गया दान और पूजा शुभ फल प्रदान करता है। फाल्गुन अमावस्या को तीर्थ स्थलों पर स्नान करना भी बहुत फलदायी माना जाता है, इस दिन का धार्मिक महत्व अत्यधिक होता है।
फाल्गुन मास में पूर्णिमा कब है 2025
फाल्गुन मास में पूर्णिमा 2025 में 14 मार्च को आएगी। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इसे होली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, इस दिन होलिका दहन किया जाता है।
फाल्गुन मास का महत्व
फाल्गुन मास का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस महीने में विशेष रूप से होली, वसंत पंचमी, और महाशिवरात्रि जैसे पर्व मनाए जाते हैं। यह समय विशेष रूप से रंगों और संगठित भक्ति का होता है। फाल्गुन माह को सामाजिक मेलजोल और संबंधों को मजबूत करने का समय माना जाता है। खासतौर पर होली के दिन को लोग आपसी मतभेदों को भुलाकर एक दूसरे के साथ रंग खेलते हैं, जो समाज में सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक होता है। महाशिवरात्रि और वसंत पंचमी का समय धार्मिक साधना और तपस्या का होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
अन्य महीनों की जानकारी
माह का नाम | माह का नाम |
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चैत्र माह | वैशाख माह |
ज्येष्ठ माह | आषाढ़ माह |
श्रावण माह | भाद्रपद माह |
आश्विन माह | कार्तिक माह |
मार्गशीर्ष माह | पौष माह |
माघ माह | फाल्गुन माह |