Ashvin mahina kab aata hai

आश्विन महीना कब आता है? पितृपक्ष, नवरात्री

हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन महीना वर्ष का सातवाँ महीना होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व रखता है। यह महीना आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच आता है और वर्षा ऋतु के बाद के शीतल मौसम का संकेत देता है। आश्विन मास में कई प्रमुख त्योहारों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि दशहरा, नवरात्रि, और पितृपक्ष। इस माह का समय विशेष रूप से उपासना, दान, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है।

आश्विन महीना कब आता है

आश्विन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का सातवाँ महीना होता है, जो सितंबर और अक्टूबर के बीच आता है। यह महीना आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है। आश्विन मास के दौरान नवरात्रि, दशहरा, पितृपक्ष जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। इस माह के दौरान विशेष रूप से शक्ति की पूजा, माँ दुर्गा की आराधना, और भगवान श्री राम की उपासना की जाती है। यह माह भक्ति, साधना और धार्मिक कार्यों, दान पुण्य के लिए उपयुक्त माना जाता है।

2025 आश्विन महीना कब शुरू हो रहा है

आश्विन महीना 2025 में 8 सितम्बर को शुरू होगा और 6 अक्टूबर को समाप्त होगा। यह हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण महीना है, जिसमें कई धार्मिक पर्व और व्रत मनाए जाते हैं। इस दौरान विशेष पूजा और अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं. आश्विन महीने का यह समय शरद ऋतु की शुरुआत को दर्शाता है, जो किसानों के लिए फसल की कटाई का भी समय होता है.

आश्विन महीने में कौनसे त्योहार हैं 2025

आश्विन महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। 2025 में आश्विन माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शामिल हैं:
  • पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष (8 सितंबर): यह दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष रूप से मनाये जाते है। इसे श्राद्ध पक्ष की शुरुआत माना जाता है, जिसमें तर्पण और दान-पुण्य किया जाता है।
  • शारदीय नवरात्रि (22 सितंबर): इन दिनों दिन माता दुर्गा के विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है। भक्त लोग उपवास रखते हैं और माता की आराधना करते हैं, जिससे उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • विजय दशमी (2 अक्टूबर): ​यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे रावण के वध के दिन के रूप में मनाते हैं, जो दशहरे का प्रमुख दिन होता है।
तारीख (2025) त्यौहार
08 सितंबर 2025 प्रतिपदा श्राद्ध
10 सितंबर 2025 संकष्टी गणेश चतुर्थी
11 सितंबर 2025 भरणी श्रद्धा
14 सितंबर 2025 मध्य अष्टमी, राष्ट्रीय भाषा दिवस, रोहिणी व्रत, कालाष्टमी, श्रीमहालक्ष्मी व्रत
15 सितंबर 2025 अविधवा नवमी
17 सितंबर 2025 विश्वकर्मा जयंती
19 सितंबर 2025 मास शिवरात्रि, माघ श्रद्धा, प्रदोष व्रत
21 सितंबर 2025 महालय श्राद्ध पक्ष पूर्ण, अमावस्या
22 सितंबर 2025 शरद ऋतू, अग्रसेन जयंती, सोमवार व्रत, नवरात्री
23 सितंबर 2025 सिंधारा दूज, चंद्र दर्शन
25 सितंबर 2025 वरद चतुर्थी
26 सितंबर 2025 ललित पंचमी
27 सितंबर 2025 विश्व पर्यटन दिवस
28 सितंबर 2025 षष्टी, दुर्गा पूजा
29 सितंबर 2025 सरस्वती आवाहन
30 सितंबर 2025 दुर्गाष्टमी व्रत, सरस्वती पूजा
01 अक्टूबर 2025 सरस्वती बलिदान, महा नवमी
02 अक्टूबर 2025 सरस्वती विसर्जन, विजय दशमी, गांधी जयंती
03 अक्टूबर 2025 भारत मिलाप, पापांकुशा एकादशी
04 अक्टूबर 2025 प्रदोष व्रत, विश्व पशु दिवस
06 अक्टूबर 2025 शरद पूर्णिमा, काजोगरा पूजा, सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत
07 अक्टूबर 2025 वाल्मीकि जयंती, पूर्णिमा, कार्तिक स्नान

2025 आश्विन मास में अमावस कब है

आश्विन मास में अमावस्या 2025 में 21 सितंबर को होगी। इसे “आश्विन अमावस्या” के नाम से जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा अर्चना की जाती है, और श्रद्धालुगण तर्पण करते हैं। अमावस्या का दिन शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे मांगलिक कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है। इस दिन लोग विशेष उपवास रखते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

2025 आश्विन मास में पूर्णिमा कब है

आश्विन मास में पूर्णिमा 2025 में 6 अक्टूबर को होगी। इस दिन “आश्विन पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता है, जो शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि होती है। यह दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। आश्विन पूर्णिमा पर भक्तजन उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन घरों में दीप जलाने और दान-पुण्य करने की भी परंपरा है। इसके अलावा, इस दिन को ‘शरद पूर्णिमा’ भी कहा जाता है, जब चंद्रमा अपने पूर्ण प्रकाश में होता है, और लोग इस दिन चंद्रमा की पूजा करते हैं।

आश्विन मास का महत्व

आश्विन माह का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस महीने में विशेष रूप से देवी दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है। नवरात्रि और दशहरा जैसे पर्व इस माह के प्रमुख त्योहार होते हैं, जो विशेष रूप से शक्ति की पूजा और राम के विजय पर्व के रूप में मनाए जाते हैं। महालय और शारदीय नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से उपवासी रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस माह में की गई पूजा, व्रत और साधना से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि आती है।
आश्विन महीना धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 2025 में आश्विन महीना 8 सितंबर से शुरू हो रहा है, और इस दौरान विशेष रूप से नवरात्रि, दशहरा, महालया और कोजागरी लक्ष्मी पूजा जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे। इस माह में किए गए पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। आश्विन माह की विशेष पूजा और साधना से मनुष्य अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति को आकर्षित करता है। यह महीना विशेष रूप से शक्ति, भक्ति और विजय का प्रतीक होता है।

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