Magha mahina kab aata hai

माघ महीना 2025 | मकर संक्रांति किस तिथि को है

माघ महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का ग्यारहवां महीना होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व रखता है। यह महीना आमतौर पर जनवरी और फरवरी के बीच आता है। माघ मास का समय विशेष रूप से स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस माह में माघी पूर्णिमा, माघ स्नान और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं, जो विशेष रूप से आस्था और भक्ति से जुड़े होते हैं।

2025 माघ माह कब शुरू हो रहा है

2025 में माघ महीना 14 जनवरी से शुरू होगा और फरवरी 12, 2025 को खत्म होगा। माघ महीना हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल जनवरी और फरवरी के बीच आता है। यह महीना माघ कृष्ण प्रतिपदा से शुरू होता है और पूर्णिमा तक चलता है। माघ माह के दौरान विशेष रूप से स्नान, दान और व्रत का आयोजन किया जाता है। इस महीने में धार्मिक अनुष्ठान जैसे मकर संक्रांति और स्नान दान आदि का महत्व होता है।

माघ महीने में कौनसे त्योहार हैं 2025

माघ महीने में कुछ प्रमुख त्योहार होते हैं, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। 2025 में माघ माह के दौरान मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शामिल हैं:

  • मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025 को माघ प्रतिपदा तिथि को है। इस दिन भक्त गंगा नदी में स्नान कर पवित्रता प्राप्त करते हैं और पुण्य की प्राप्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करते हैं।
  • संकट चौथ: संकट चौथ, 17 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन परिवार की भलाई के लिए लोग विशेष पूजा करते हैं, खासकर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और भगवान गणेश की पूजा करती हैं।
  • मौनी अमावस्या: मौनी अमावस्या, 29 जनवरी 2025 को आती है। इस दिन लोग मौन रहकर ध्यान और साधना करते हैं, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और ब्रह्मा के सृष्टि के समय में की गई साधना का स्मरण करते हैं, जिससे शांति की प्राप्ति होती है।
  • बसंत पंचमी: बसंत पंचमी, 2 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन ज्ञान और शिक्षा की देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है। लोग इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं, नए गुणों के विकास और विद्या की दीप प्रज्वलित करने का कार्य करते हैं।
दिनांक त्योहार
14 जनवरी गंगा सागर स्नान, मकर संक्रांति
17 जनवरी संकट चौथ, संकष्टी गणेश चतुर्थी
21 जनवरी कालाष्टमी
25 जनवरी षटतिला एकादशी
26 जनवरी गणतंत्र दिवस
27 जनवरी सोम प्रदोष व्रत, मास शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
29 जनवरी मौनी अमावस्या, अमावस्या
30 जनवरी शिशिर ऋतू, चंद्र दर्शन, माघ गुप्त नवरात्रि, गांधी पुण्यतिथि
1 फरवरी गणेश जयंती, वरद चतुर्थी
2 फरवरी बसंत पंचमी
3 फरवरी सोमवार व्रत, षष्टी
4 फरवरी रथ सप्तमी
5 फरवरी दुर्गाष्टमी व्रत, बुधाष्टमी व्रत, भीष्माष्टमी
6 फरवरी महानन्दा नवमी
7 फरवरी रोहिणी व्रत
8 फरवरी जाया एकादशी
10 फरवरी प्रदोष व्रत
12 फरवरी सत्य व्रत, कुंभ संक्रांति, रविदास जयंती, माघ पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त, पूर्णिमा व्रत

माघ मास में अमावस कब है 2025

माघ मास में अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को आएगी। इस दिन को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या का दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन भक्तगण पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने पितरों के लिए तर्पण करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए अनुष्ठान और दान का विशेष फल मिलता है। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु मौन रहकर ध्यान और साधना करते हैं, जिससे आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेषकर भक्तों के लिए आस्था और साधना का प्रतीक है।

माघ मास में पूर्णिमा कब है 2025

माघ मास में पूर्णिमा 2025 में 12 फरवरी को आएगी। इस दिन श्रद्धालु माघ पूर्णिमा का व्रत करते हैं, जो विशेष रूप से पवित्र और महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन लोग स्नान, दान और पूजा-पाठ करते हैं, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा को स्नान करने से आत्मा का शुद्धीकरण होता है और किसी भी प्रकार की कठिनाई से राहत मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह दिन साधना और भक्ति के लिए उपयुक्त होता है, जिसे भक्तिभाव से मनाना चाहिए।

माघ माह का महत्व

माघ माह का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस महीने में विशेष रूप से स्नान, दान और व्रत का आयोजन किया जाता है। माघ माह में माघी पूर्णिमा, बसंत पंचमी और माघ स्नान जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। इस समय किए गए धार्मिक अनुष्ठान से पुण्य की प्राप्ति होती है। माघ माह को धार्मिक तपस्या और साधना का महीना माना जाता है। खासतौर पर गंगा स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस माह में किया गया व्रत और धार्मिक साधना व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि लाती है।

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